आंतरिक स्वच्छता
उपवास से आंतरिक स्वच्छता प्राप्त होती है, जिससे ज्ञान-तंतुओं को पुनर्जीवन और पुनर्योवन की प्राप्ति होती है। उपवास के बाद पचाने और मल निष्कासन का कार्य तथा पोषक तत्वों का अवशोषण क्रिया में तीव्रता आती है। रक्त-परिसंचरण सही होने लगता है। हानिकारक कोलेस्ट्रॉल कम होने से उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग की संभावना समाप्त हो जाती है। रक्त में यूरिक एसिड की कमी होने से वात रोगों से निजात मिलती है। डीजेनेरेशन की जगह रीजेनरेशन का कार्य होने से शरीर स्फूर्तिवान बनता है।
Inner cleanliness is attained by fasting, due to which the fibers of knowledge get rejuvenated and rejuvenated. After fasting, the work of digestion and excretion and absorption of nutrients intensify. Blood circulation starts to improve. Lowering harmful cholesterol eliminates the possibility of high blood pressure, heart disease. Deficiency of uric acid in the blood gives relief from Vata diseases. The body becomes energetic due to the work of regeneration instead of degeneration.
Internal Cleanliness | Jaipur Arya Samaj, 8120018052 | Arya Samaj Marriage Booking Jaipur | Arya Samaj Pandits Helpline Jaipur | Hindu Marriage Helpline Jaipur | Marriage by Arya Samaj Mandir Jaipur | Arya Samaj All India Jaipur | Arya Samaj Marriage Ceremony Jaipur | Arya Samaj Shaadi Jaipur | Hindu Matrimony Jaipur | Arya Samaj Marriage Jaipur | Aarya Samaj Jaipur | Arya Samaj Pandits for Pooja Jaipur | Gayatri Mandir Jaipur | Jaipur Aarya Samaj | Vedic Pandits Helpline Jaipur | All India Arya Samaj Jaipur | Arya Samaj Pandits for Vastu Shanti Havan Jaipur | Gayatri Marriage Jaipur | Marriage by Arya Samaj Jaipur | Marriage in Arya Samaj Jaipur Rajasthan
ज्ञान की निधि वेद वेद ज्ञान की अमूल्य निधि एवं धरोहर है। इनमें आंलकारिक प्रसंग से जटिल विषय को सरल करके समझाया गया है। देश का एवं मानवजाति का दुर्भाग्य है कि महाभारत के पश्चात वेदों के पठन-पाठन की परम्परा छूट गई तथा चारित्रिक कुरीतियाँ प्रचलित हो गई जो हमारे पतन का तथा वैदिक सभ्यता के उपहास का कारण बनी। इन कुरीतियों को...