प्रेम और परोपकार
मुक्ति का रहस्य प्रेम और परोपकार में ही छिपा हुआ है। इसलिए प्रेम को अपना लें; क्योंकि प्रभु ही प्रेम हैं। सूफी संतों का ह्रदय उद्द्गार इस तरह पुकार उठता है - जीव की उत्पत्ति और जीवन का आधार भी प्रेम ही है। हमारी आत्मा का आहार प्रेम ही है। प्रेम से बढ़कर दूसरी कोई आराधना नहीं है और प्रभु को प्राप्त करने का साधन भी प्रेम ही है। प्रेम जीव का स्वाभाविक गुण है, प्राकृतिक आवश्यकता है। जैसे रोटी हमारे शरीर का आहर है, वैसे ही प्रेम हमारी आत्मा का आहार है। रोटी हमें शारीरिक बल देती है; जबकि प्रेम हमें आत्मिक शक्ति प्रदान करता है।
The secret of salvation lies in love and benevolence. So embrace love; Because the Lord is love. The heart of Sufi saints cry out like this - love is the origin of the soul and the basis of life. The food of our soul is love. There is no other worship than love and love is also the means of attaining GOD. Love is a natural quality of the soul, a natural need. As bread is the food of our body, so love is the food of our soul. Bread gives us physical strength; Whereas love gives us spiritual strength.
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ज्ञान की निधि वेद वेद ज्ञान की अमूल्य निधि एवं धरोहर है। इनमें आंलकारिक प्रसंग से जटिल विषय को सरल करके समझाया गया है। देश का एवं मानवजाति का दुर्भाग्य है कि महाभारत के पश्चात वेदों के पठन-पाठन की परम्परा छूट गई तथा चारित्रिक कुरीतियाँ प्रचलित हो गई जो हमारे पतन का तथा वैदिक सभ्यता के उपहास का कारण बनी। इन कुरीतियों को...