व्यक्तिगत जीवन
यदि बात व्यक्तिगत जीवन में आगे बढ़ने की हो तो आगे बढ़ रहे दूसरे व्यक्तियों से आवश्यक प्रेरणा ली जा सकती है। उनकी अच्छाइयों को ग्रहण करते हुए उनके सद्गुणों को हम भी अपनी सफलता की सीढ़ी बना सकते हैं। दूसरों से तुलना कर ईर्ष्या-द्वेष में उलझने से तो हम अपनी अवनति के ही माध्यम बन रहे होंगे। जरूरत दूसरों के व्यक्तित्व में सुधार करने और अपनी मौलिक अद्वितीयता को प्रकट करने की है। दूसरों के साथ निरर्थक तुलना करने की भी चेष्टा में हम अनावश्यक तनाव व अशांति के शिकंजे में उलझ रह होते हैं, जिस कुचक्र का कोई अंत नहीं। जीवन का स्वर्णिम पथ उत्कर्ष के मार्ग पर आगे बढ़ने का है।
If it is about moving ahead in personal life, then necessary inspiration can be taken from other people who are moving forward. By accepting their good qualities, we can also make their virtues the ladder of our success. Comparing ourselves to others and engaging in jealousy and hatred, we must be becoming the medium of our own degradation. The need is to improve the personality of others and reveal one's fundamental uniqueness. Even in trying to make meaningless comparisons with others, we get caught in the clutches of unnecessary tension and unrest, the vicious cycle of which has no end. The golden path of life is to move forward on the path of excellence.
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ज्ञान की निधि वेद वेद ज्ञान की अमूल्य निधि एवं धरोहर है। इनमें आंलकारिक प्रसंग से जटिल विषय को सरल करके समझाया गया है। देश का एवं मानवजाति का दुर्भाग्य है कि महाभारत के पश्चात वेदों के पठन-पाठन की परम्परा छूट गई तथा चारित्रिक कुरीतियाँ प्रचलित हो गई जो हमारे पतन का तथा वैदिक सभ्यता के उपहास का कारण बनी। इन कुरीतियों को...